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कैंसर हो जाए तो सिर्फ यह खाएं

खाना-खजाना
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आज दुनिया भर में विश्व कैंसर जागरुकता दिवस(World Cancer Awareness Day) मनाया जा  रहा है. दुनियाभर में आज कैंसर के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए कई स्तरों पर काम हो रहा है. सावधानी और अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर हम चाहें तो कैंसर से दूर रह सकते हैं. जब आज हर जगह कैंसर की बात चल रही है तो क्यूं ना हम भी कुछ ऐसी चीजों के बारे में जानें जो कैंसर रोगी खा सकते हैं.


कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका मरीज के सामान्य स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पडता है. इतना ही नहीं, कैंसर के इलाज के चलते मरीज के आहार पर भी बुरा असर पडता है. इलाज पूरी तरह असरदार हो, इसके लिए जरूरी है कि आहार में कुछ सावधानियां बरती जाएं.


कैंसर में हो जाती है पोषण की कमी

कैंसर कई तरह से मरीज के आहार पर बुरा प्रभाव डालती है. आम तौर पर कैंसर के मरीजों की भूख मिट जाती है. यह सबसे सामान्य समस्या है. इसके परिणामस्वरूप आहार की मात्रा और आवश्यक पोषक पदार्थो जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा और खनिज लवण आदि की कमी आ जाती है.


कैंसर के बहुत से मरीजों का आहार इसलिए भी कम हो जाता है, क्योंकि बीमारी उनके पाचन तंत्र के विभिन्न अंगों जैसे इसोफैगस, पेट, छोटी या बडी आंत, लीवर, गाल ब्लैडर या पैंक्रियाज को प्रभावित कर देती है.


कैंसर के दौरान क्या खाएं

ऐसे मरीजों को पोषक आहार लेना चाहिए ताकि पोषण संबंधी जरूरतें पूरी हों. कार्बोहाइड्रेट से भरपूर आहार एक अच्छा उपाय है.अनाज, फल एवं साग-सब्जियां मसलन आलू कार्बोहाइड्रेट के अच्छे स्रोत हैं. मीठे खाद्य पदार्थ भी कार्बोहाइड्रेट के स्रोत होते हैं. हालांकि इनका सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए और डायबिटीज की समस्या से पीडित लोगों को इनसे परहेज करना चाहिए.


प्रोटीन

मांसपेशियों के विकास और काम के लिए ऊर्जा प्राप्त करने के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी है. इसके अलावा घाव भरने, बीमारी से लडने और खून का थक्का जमने आदि विभिन्न शारीरिक क्रियाओं के लिए भी प्रोटीन अनिवार्य है. अंडा, मीट, मसूर की दाल, मटर, बींस, सोया और नट्स आदि प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं.


विटमिंस व मिनरल्स

ऐसे मरीजों में विटमिंस और मिनरल्स की कमी आम समस्या है, क्योंकि इन दोनों तत्वों की मांग अधिक और आपूर्ति कम होती है. इसलिए उचित आहार के साथ बेहतर पोषण के लिए विटमिन और मिनरल की अतिरिक्त खुराक जरूरी है.


तरल पदार्थ

कैंसर के मरीजों को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करना जरूरी है.तली-भुनी, बहुत मसालेदार या फिर अधिक ठोस आहार न लें. कम मात्रा में अधिक बार खाने से पाचन आसान हो जाता है और पेट भी भारी नहीं लगता.


कीमोथेरेपी के मरीज

कैंसर के मरीजों के लिए कीमोथेरेपी एक आम उपचार है, जो चार से छह महीने तक चलता है. इस दौरान आहार संबंधी कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है.


कीमोथेरेपी के पहले दिन और उससे एक-दो दिन बाद तक भूख कम लगती है. मितली और कई बार उल्टी भी आती है. उल्टी से बचने की दवाइयां दी जाती हैं. इस अवधि में आहार में अधिक मात्रा में ऐसे तरल और नर्म खाद्य पदार्थो का सेवन करना चाहिए जिनसे एनर्जी तुरंत मिल जाए और इसके बाद मरीज को सामान्य ठोस आहार या आधा ठोस आहार लेना चाहिए.फल-सब्जियों को अच्छी तरह धोकर खाना चाहिए. दूध हमेशा उबाल कर पीना चाहिए.


रेडियोथेरेपी के मरीज

चेहरे और गर्दन की रेडियोथेरपी कराने वालों में सेंसिटिविटी और अल्सरेशन (फोडे) का खतरा रहता है. जिसके कारण निगलने में दिक्कत होती है. इसलिए ऐसे लोगों को लिक्विड और लाइट डाइट लेने की सलाह दी जाती है. इन्हें तले-भुने, मसालेदार और गर्म खाद्य पदार्थो से परहेज करना चाहिए. यदि बहुत दर्द हो तो नियमित रूप से दर्द दूर करने की दवा ली जा सकती है. इससे दर्द बेकाबू नहीं होता.


सर्जरी के मरीज

सर्जरी के बाद मरीज को अधिक कैलरी, प्रोटीन, विटमिंस और मिनरल्स चाहिए ताकि जख्म जल्दी भर सकें. सर्जरी के बाद जितनी जल्दी संभव हो मुंह से आहार देना शुरू कर दिया जाता है.


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